आस्था का बढ़ा हुआ पेट कह रहा है त्रिकोणीय प्रेम की दास्तां। आस्था का बढ़ा हुआ पेट कह रहा है त्रिकोणीय प्रेम की दास्तां।
सुहागरात की रात को ही अमित को कुछ कुछ समझ में आने लगा था। सुहागरात की रात को ही अमित को कुछ कुछ समझ में आने लगा था।
कुछ ही देर बाद राजन ने महसूस किया पीठ में कुछ नुकीली चीज़ चुभी। कुछ ही देर बाद राजन ने महसूस किया पीठ में कुछ नुकीली चीज़ चुभी।
वर्तमान गुलामी उस ब्रिटिश हुकूमत से कई गुना भयंकर और भयावह है ।" वर्तमान गुलामी उस ब्रिटिश हुकूमत से कई गुना भयंकर और भयावह है ।"
उनका प्रेम हमेशा हमेशा के लिए अमर हो गया। उनका प्रेम हमेशा हमेशा के लिए अमर हो गया।
"क्या जानेमन तुम भी बरसात के पानी से डरती हो। "क्या जानेमन तुम भी बरसात के पानी से डरती हो।